ज्यादातर लोगों के लिए सोने के गहने पहली पसंद है। क्योंकि लोगों को ये भरोसा होता है कि इसे जब चाहे बेचकर पैसा वापस पाया जा सकता है। कुछ लोग तो निवेश के लिए ही सोना खरीदते हैं। ऐसे लोग सोने के बिस्किट या फिर सिक्के खरीदते हैं। लेकिन अब सोने में निवेश करने के कई हाईटेक तरीके भी आ गए हैं। इस लेख में हम सोने में निवेश करने के अलग-अलग तरीके बताएंगे। इस पढ़कर आप अपने लिए सबसे उचित तरीके को चुन सकेंगे।
सोने के आभूषण
सोने के आभूषण खरीदना हमारा पारंपरिक तरीका है। दीपावली या शादी के मौके पर सोने का आभूषण खरीदा जाता है। सोने के गहने न केवल आपके दिल को अच्छा लगता है बल्कि इससे सामाजिक साख बनने की भी उम्मीद होती है। लेकिन सोने के गहनों में निवेश कई तरह की मुश्किलें भी खड़ा कर देता है।
- आपको इस बात का भय रहता है कि कहीं चोरी ना हो जाए।
- अगर आप आभूषण को बैंक लॉकर में रखते है तो चार्ज देना पड़ता है।
- सोने के गहने बेचने पर हमेशा कीमत कम मिलती है। दरअसल खरीदते समय आभूषण पर मेकिंग चार्ज जुड़ा होता है और कई अन्य पत्थर की कीमत भी। लेकिन जब आप उन्हे बेचते हैं तो इनका कुछ भी नहीं मिलता है आपको पिघले हुए सोने की कीमत मिलती है।
- 24 कैरेट का सोना सबसे शुद्ध होता है और इसमें गहने नहीं बनते क्योंकि इसका आभूषण बना तो वह बहुत जल्दी टूट जाएगा क्योंकि वो बहुत मुलायम होता है। इसलिए आभूषण बनाने के लिए जो सोना उपयोग होता है वह पूरी तरह से शुद्ध नहीं होता । यानी जब आप सोना बेचने जाएंगे तो अशुद्धि निकालकर बचे हुए वजन की कीमत ही मिलेगी।
वैसे अगर आप सोने के गहने खरीदने चाहते हैं तो किसी भी ज्वेलर्स की दुकान पर जा सकते हैं। बस ध्यान रखें के गहनों पर हालमार्क का निशान हो ताकि आपको सही क्वालिटी का सोना मिले। आजकल बड़ी कंपनियां भी सोने के गहनों के बिजनेस में हैं उनसे लिए गए गहनों की विश्वसनीयता ज्यादा होती है। लेकिन इन बड़े रिटेलर्स को आप वापस गहने नहीं बेच सकते हैं।
सोने का सिक्का या बिस्किट
सोना का सिक्का खरीदना सोने में निवेश का सबसे अच्छा माध्यम है। खासकर उन लोगों के लिए जो भौतिक रुप से सोना खरीदना चाहते है क्योंकि सिक्के या बार या बुलियन में सबसे शुध्द सोना होता है। यह 24 कैरेट का होता है।
आप सोने का सिक्का सुनार, बैंक और पोस्ट ऑफिस से खरीद सकते है। आप इसे बैंक लॉकर या अन्य सुरक्षित स्थान पर रख सकते है। आप इससे आभूषण भी बनवा सकते है और जरुरत पड़ने पर बेचा भी सकता है । इसे बेचने पर आपको पूरे पैसे मिलेगें क्योंकि यह आभूषण के तुलना में पूरी तरह से शुद्ध होता है। कोई मिलावट नहीं होती। बस इसकी सुरक्षा को लेकर ही फिक्र होती है।
डिजिटल गोल्ड
अगर आप सोने की सुरक्षा और शुद्धता की टेंशन से मुक्त होना चाहते हैं तो डिजिटल गोल्ड में निवेश कीजिए। इस निवेश के तरीके में सोना आपके हाथ में नहीं आएगा। बल्कि आपके नाम का सोना किसी बड़े से स्टोरेज में रखा होगा। आप जब चाहेंगे इस सोने की डिलिवरी ले सकेंगे। डिलवरी लेने में सिक्के बनाने और उसे आप तक पहुंचाने का चार्ज लगेगा।
लेकिन अगर आप सोने की डिलवरी लेने के बजाय उसके बढ़ते भाव का फायदा लेना चाहते हैं तो उसकी ऑनलाइन बिक्री करके पैसा पा जाएंगे। इस सोन में निवेश बिल्कुल उसी तरह से हो जाएगा जैसे आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं।
डिजिटल गोल्ड के बिजनेस में सिर्फ दो-तीन बड़ी कंपनियां लगी हैं। ये कंपनियां तमाम अन्य रिटेल चेन और ई-कॉमर्स साइट के जरिए डिजिटल गोल्ड उपलब्ध कराती हैं। आप डिजिटल गोल्ड पेटीएम, फोनपे, गूगल पे से खरीद सकते हैं। इनके अलावा कई बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन भी डिजिटल गोल्ड बेचने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराते हैं।
इस सोने को आप भौतिक रुप से touch नहीं कर सकते है । यह आपके Paytm Account में Digital रुप में save रहता है। आप ₹ 1 से लेकर ₹ 150000 तक का सोना खरीद सकते है। यह 24 कैरेट का शुद्ध सोना होता है। Digital Gold को Save रखने का कोई Extra charge नहीं लगता है।
अगर आप digital Gold खरीदते है तो आपको दुकान नहीं जाना पड़ता इससे आपके समय की बचत होती है। कीमत बढने पर आप इसे आसानी से बेच सकते है छुट्टी के दिन भी। डिजिटल गोल्ड आपके Account में 5 साल तक रखता है इसके बाद आपको इसे बेचना होगा या मंगाना होगा । अगर आप इसे नहीं बेचते तो paytm वाले खुद बेच देगें और इसकी कीमत आपके Account में आ जाएगी।
आप चाहे तो Digital Gold को Physical Gold में बदल सकते है लेकिन सोना का वजन कम से कम एक ग्राम होना चाहिए।
गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड ईटीएफ भी सोने में निवेश करने का परोक्ष तरीका है। इस तरीके में आप सीधे-सोने की खरीद बिक्री नहीं करते हैं। बल्कि ये जिम्मेदारी एक फंड मैनेजर की होती है।
गोल्ड ईटीएफ का फंड मैनेजर आप जैसे बहुत सारे लोगों के लिए सोना खरीदता और बेचता है। किसी एक दिन जितने लोग गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं उनकी रकम का इस्तेमाल करते मौजूदा भाव पर सोना खरीद लिया जाता है। इसी के उलट किसी एक दिन जो भी लोग अपने निवेश से निकलना चाहते हैं उनके सोने को बाजार भाव पर बेचकर पैसा वापस कर दिया जाता है।
इस तरीके में आप सोना खरीदने के बजाय गोल्ड ईटीएफ की यूनिट खरीदते हैं। इस यूनिट का भाव सोने के भाव के साथ-साथ चलता है। इस तरह आप गोल्ड ईटीएफ में निवेश करके सोने में निवेश का फायदा उठाते हैं।
सोने में निवेश के इस तरीके में आपके हाथ सोना नहीं आता है और इसलिए टेंशन भी नहीं है। लेकिन ये तरीका उन लोगों के लिए नहीं है जिन्हे सोने को देखने-छूने का शौक है। एक बात और, गोल्ड ईटीएफ में हर साल 0.5-1% रकम फंड मैनेजमेंट चार्ज में खर्च हो जाती है।
गोल्ड बॉन्ड
गोल्ड ईटीएफ की तरह ये भी सोने में निवेश का परोक्ष तरीका है। इस तरीके में भी आपके हाथ सोना नहीं आता है। लेकिन आपको सोने में निवेश का फायदा जरूर मिलता है। बल्कि गोल्ड बॉन्ड में गोल्ड ईटीएफ से ज्यादा फायदा मिलता है।
दरअसल जब आप गोल्ड बॉन्ड खरीदते हो तो ये भी सोने के बाजार भाव पर मिलता है। इस बॉन्ड की कीमत सोने के भाव के साथ-साथ ही चलती है। यानी जब आप इसे बेचते हो तो ये बॉन्ड उस समय जो भी सोने का भाव होगा उसी भाव पर बिकेगा।
- इसके अलावा गोल्ड बॉन्ड हर साल 2.5% सालाना का ब्याज भी देता है। इस तरह का ब्याज सोने में निवेश के किसी दूसरे तरीके में नहीं मिलता है।
- गोल्ड बांड भारत सरकार के द्वारा जारी किया जाता है इसलिए आपको अपने पैसे की चिन्ता की जरुरत नहीं है। आप इस बॉन्ड को बैंकों की शाखा में जाकर या फिर ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।
- गोल्ड बॉन्ड आठ साल के लिए जारी किया जाता है। आठ साल बाद आप इसे सरकार के वापस करके अपना पैसा पा सकते हैं। वैसे अगर जरूरत है तो आप गोल्ड बॉन्ड को पांच साल बाद भी वापस करके पैसा पा सकते हैं।
- बॉन्ड बेचते समय तात्कालिक कीमत के हिसाब से ही बॉन्ड का भाव मिलेगा। यानी, इस बीच सोना जितना महंगा हुआ होगा आपको उतना ज्यादा फायदा होगा।
- गोल्ड बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज हर 6 महीने में दिया जाता है।
- बाजार में आप गोल्ड बॉन्ड पांच साल से पहले भी बेच सकते हैं लेकिन ऐसी स्थिति में आपको कैपिटल गेन्स टैक्स देना होगा।
- आप एक वर्ष (अप्रैल से मार्च) में अधिकतम 4 किलो सोने के बराबर (4000 यूनिट) गोल्ड बांड खरीद सकते है।
- आप गोल्ड बॉड को गिरवी रख कर गोल्ड लोन भी ले सकते है।
हमने इस पोस्ट में सोने में निवेश के पांच तरीके बताए हैं। इन तरीकों में गोल्ड बॉन्ड सबसे फायदेमंद है क्योंकि ये 2.5% सालाना का ब्याज देता है। किसी और तरीके में ऐसी अतिरिक्त कमाई नहीं है। अलबत्ता आपको अलग-अलग तरह के चार्जेज देने पड़ते हैं। जैसे गोल्ड ईटीएफ में फंड मैनेजमेंट चार्ज और सोने के गहने में मेकिंग चार्ज। अगर हम फायदे के आधार पर सोने में निवेश के तरीकों की रैंकिंग करें तो पहले नंबर पर गोल्ड बॉन्ड और आखिरी नंबर पर सोने के गहने आएंगे। लेकिन अगर फिजिकल सोने का सुकून चाहते हैं तो फिर गहने और सिक्के से बढ़कर कुछ नहीं है।
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